Lok Sabha Election 2024: आचार संहिता लागू हो चुकी है तथा अब चुनाव आयोग सर्वशक्तिमान हो चुका है। लोकसभा चुनाव के लगभग 1 महीने पहले आचार संहिता लागू कर दी जाती है। पूरे देश में आचार संहिता लगने के बाद नेताओं और सरकार में शामिल कई लोगों पर कई तरह के प्रतिबंध लग जाते हैं। ऐसे में जनता को यह सोचने का अवसर मिलता है कि उसका वोट किस राजनीतिक पार्टी में जाना चाहिए।
चलिए आज के इस लेख में हम जानेंगे कि आचार संहिता लगने के बाद नेताओं और सरकार में शामिल लोगों पर कौन-कौन से प्रतिबंध लग गए तथा क्यों आपको यह विचार करना चाहिए कि आपका कीमती वोट किसको मिलना चाहिए, आखिरकार यह आपका अधिकार है और इसका चुनाव पूरी तरह आप पर निर्भर करता है।
Lok Sabha Election 2024: आचार संहिता लागू
Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 होने को हैं तथा इलेक्शन कमिशन शनिवार को इसकी तारीखों का ऐलान कर चुका है। 16 मार्च दिन शनिवार को आचार संहिता भी पूरे देश में सक्रिय हो चुकी है ताकि हमारे देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव किया जा सके। जैसा कि हमने आपको बताया कि आचार संहिता के लागू होते ही सरकारी कामकाजों में कई तरह के बदलाव किए जाते हैं।
आचार संहिता की लग जाने से सरकारी कामकाजों में कुछ पाबंदी अवश्य लग जाती है पर आम जनता को अपना सही चुनाव करने तथा सही पार्टी में अपना वोट देने के लिए एक वक्त भी मिल जाता है। एक ऐसा वक्त जब किसी भी पार्टी द्वारा किसी भी तरीके का कोई भी सच या झूठ का वादा नहीं किया जाएगा। जनता पूरी तरह से खाली दिमाग से यह सोच सकती है कि पिछले 5 सालों में हुए कार्यों के आधार पर तथा देश में चल रही गतिविधियों के आधार पर, उनके सुख सुविधा के आधार पर, उसे किस पार्टी में वोट देना चाहिए।
आखिरकार हमारा देश लोकतांत्रिक है तथा जनता के हाथ में इसकी बागडोर है। इस 1 महीने के समय में जनता अपना यह निर्णय ले सकती है कि उसे इस देश की बागडोर किस राजनीतिक दल में देनी है। हालांकि यह निर्णय पूरी तरह आप पर निर्भर करता है, आप जिसका भी चुनाव करेंगे, उसके हाथ में इस देश की बागडोर अगले 5 वर्षों के लिए होगी। मैं किसी पार्टी विशेष के संबंध में बात नहीं कर रहा, मैं तो बस आपको थोड़ा सोच समझ कर निर्णय लेने के लिए कह रहा हूं।
चलिए जानते हैं कि आखिरकार आचार संहिता लगने के बाद राजनीतिक दल कौन से कार्य नहीं कर सकते ताकि आपके दिमाग पर किसी भी तरीके का कोई भी साइकोलॉजिकल दबाव ना पढ़ सके और आप पूरी तरह से फ्री होकर एक सही लोकतांत्रिक राजा का चयन कर सकें।
आचार संहिता की लग जाने के बाद होने वाले बदलाव, Lok Sabha Election 2024
सभी सरकारी ऐलानों पर प्रतिबंध
Lok Sabha Election 2024: चुनाव पैनल की दिशा निर्देशों में साफ तौर पर यह कहा गया है कि आचार संहिता की लग जाने के बाद किसी भी मंत्री या अधिकारी या सरकारी कर्मचारियों द्वारा वित्तीय अनुदान की घोषणा या उसके प्रति कोई भी पद नहीं किया जा सकता
आचार संहिता के दौरान सिविल सेवकों को छोड़कर सरकार से जुड़ा कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार की योजना को शुरू नहीं कर सकता
इस दौरान सड़कों का निर्माण पेयजल सुविधाओं का प्रावधान आदि किसी भी तरह का वादा जनता को नहीं किया जा सकता
अधिकारी कर्मचारी के ट्रांसफर पर प्रतिबंध
Lok Sabha Election 2024: जब तक केंद्र सरकार यानी लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती सभी अधिकारी कर्मचारी चुनाव आयोग के कर्मचारियों की तरह कार्य करते हैं तथा उन्हें किसी भी तरह का कोई भी ट्रांसफर या पोस्टिंग नहीं दी जा सकती। अगर यह अत्यंत जरूरी होता है तो उसमें आयोग की अनुमति लेनी होगी।
सरकारी पैसे के इस्तेमाल पर प्रतिबंध
Lok Sabha Election 2024: आचार संहिता की सक्रिय हो जाने के बाद सरकारी पैसे को किसी भी तरह के विज्ञापन या जनता को इखट्टा करने या जनसंपर्क के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। अगर पहले से जनता को अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए ऐसा कोई विज्ञापन चल रहा है तो उसे हटा लिया जाना चाहिए
कोई भी नई योजना निर्माण कार्य उद्घाटन आदि कार्य नहीं किया जा सकता। अगर यह कार्य पहले से शुरू है तो वह जारी अवश्य रहेगा।
आचार संहिता के दौरान आने वाली किसी भी प्राकृतिक आपदा या महामारी में अगर सरकार कोई कदम या उपाय करना चाहती है तो उसे पहले चुनाव आयोग की अनुमति लेनी होगी
किसी भी सरकारी वाहन, मशीनरी का अपने दल के हित के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता
आचार संहिता के दौरान सभी दलों और उम्मीदवारों के लिए चुनावी बैठके आयोजित करने के लिए मैदान और फ्लाइट्स के लिए हेलीपैड जैसे सार्वजनिक स्थान समान नियमों, शर्तों पर होने चाहिए
प्रचार प्रसार से जुड़े नियम
Lok Sabha Election 2024: चुनाव प्रचार के लिए किसी भी मंदिर, मस्जिद, चर्च, गुरुद्वारा या कोई भी धार्मिक स्थल का उपयोग नहीं किया जा सकता
प्रचार के लिए राजनीतिक पार्टियों मन चाहे गाड़ियों का इस्तेमाल तो कर सकती हैं पर उसके लिए पहले उन्हें रिटर्निग अफसर की अनुमति लेनी होगी
चुनाव रैली, जुलूस या चुनावी सभा करने से पहले, सभी राजनीतिक पार्टियों को पुलिस की अनुमति लेना अनिवार्य है
रात 10:00 के बाद तथा सुबह 6:00 से पहले, किसी भी प्रकार की कोई भी रैली नहीं की जा सकती तथा डीजे, आदि का भी इस्तेमाल करना वर्जित है
प्रचार प्रसार के लिए किसी भी सरकारी गाड़ी का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता
चुनाव के दिन लागू किए जाने वाले कुछ जरूरी नियम
सभी राजनीतिक पार्टियों का यह हक बनता है कि शांतिपूर्ण और व्यवस्थित तरीके से मतदान हो तथा वोटर को किसी भी प्रकार की असुविधा ना हो, उन्हें पूरी आजादी से सही चुनाव करने का मौका दिया जाए। सभी राजनीतिक पार्टियों को चुनाव ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों का साथ देना होगा
मतदान के दिन तथा उससे पहले की 24 घंटे के दौरान किसी भी सरकारी दारू के ठेके या अंग्रेजी दारू के ठेके पर शराब को बेचने पर पूरी तरह से प्रतिबंध है
मतदान केंद्रों के पास राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों द्वारा किसी भी तरह की गैर जरूरी भीड़ को इकट्ठा करने पर प्रतिबंध
आशा करते हैं हमारे द्वारा दी गई जानकारी से आपको चुनाव आयोग द्वारा जारी किए गए आचार संहिता के बारे में सही जानकारी मिल सकी होगी। उम्मीद करते हैं कि आप अपना लोकतांत्रिक अधिकार का इस्तेमाल करेंगे और वोट अवश्य डालेंगे। वोट डालना हमारा लोकतांत्रिक अधिकार है, लेख को पढ़ने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।
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नमस्कार मेरा नाम Vipin Raikour है, मैं पिछले 5 सालों से डिजिटल मार्केटिंग के क्षेत्र में काम कर रहा हूं। मुझे लिखने का तथा अलग-अलग विषयों में जानकारी जुटाने का काफी शौक है। अभी फिलहाल में अपने द्वारा बनाई गई इस साइट mekhabar.com पर लेटेस्ट न्यूज़ संबंधित आर्टिकल लिखता हूं और आशा करता हूं कि मेरे द्वारा लिखे गए आर्टिकल आपको सही जानकारी देंगे तथा आपके जीवन को सरल बनाएंगे। धन्यवाद !